एलन मस्क ने क्यों खरीदा ट्विटर, भारत के लिए इस सौदे के क्या हैं मायने, क्या बदलने जा रहे है Elon Musk ट्विटर में, जानें- सब कुछ

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एलन मस्क ने क्यों खरीदा ट्विटर, भारत के लिए इस सौदे के क्या हैं मायने, क्या बदलने जा रहे है Elon Musk ट्विटर में, जानें- सब कुछ

 ट्विटर को नए पंख मिल रहे हैं। विश्व के सर्वाधिक धनी व्यक्ति एलन मस्क के साथ इस इंटरनेट मीडिया मंच का सौदा तय हो गया है और यदि ट्विटर के शेयरधारकों और अमेरिकी एजेंसियों ने अनुमोदन कर दिया तो लगभग छह माह में प्रक्रिया पूरी हो सकती है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर इलेक्टिक वाहन और अंतरिक्ष विज्ञान के व्यापार के दिग्गज मस्क को ट्विटर खरीदने की क्या जरूरत आन पड़ी। क्या प्रभाव होगा इस सौदे का और भारत के संदर्भ में ट्विटर पर मस्क का स्वामित्व होने के क्या मायने हैं। इंटरनेट मीडिया संसार की इस अहम घटना से जुड़े प्रश्नों के उत्तर तलाशती यह विशेष रिपोर्ट:



कौन हैं एलन मस्क

दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में 28 जून 1971 को जन्मा एक बालक आगे चलकर विश्व का सबसे धनी व्यक्ति तो बना ही, अपने नवोन्मेष और कल्पनातीत सोच के लिए भी ख्यात है। उस बालक को हम एलन मस्क के नाम से जानते हैं जो आजकल 44 बिलियन डालर (3,34,400 करोड़ रुपये) में इंटरनेट मीडिया मंच ट्विटर के अधिग्रहण के लिए खासी चर्चा में है। मस्क को उनकी इलेक्टिक कार कंपनी टेस्ला और अंतरिक्ष मिशन से जुड़ी कंपनी स्पेसएक्स के लिए भी पहचाना जाता है। मस्क की विशेषता है, कंपनियों को चलाने में उनका मुखर लीडर का रूप। मस्क अपनी बेबाक राय बोर्ड रूम में भी रखते हैं और सार्वजनिक मंचों पर भी। फोर्ब्स के अनुसार इस समय मस्क की संपत्ति 26,460 करोड़ अमेरिकी डालर से भी अधिक है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी कंपनी टेस्ला की मार्केट वैल्यू इस समय 1.03 टिलियन डालर है।

एलन मस्क ने क्यों खरीदा है ट्विटर

मस्क इस इंटरनेट मीडिया मंच की प्रक्रियागत और नीतिगत खामियों की तरफ प्राय: संकेत करते रहे हैं। ट्विटर खरीदने के पीछे यही कारण माना जा रहा है कि वह इसकी नीतियों और काम करने के तरीके में बड़े बदलाव करना चाहते हैं। खुद को फ्री स्पीच एक्टिविस्ट कहने वाले मस्क अब ट्विटर को अपने तरीके से चलाने की योजना बना रहे हैं। मस्क के लिए ट्विटर लोगों से अपनी बात कहने का एक सार्वजनिक मंच है ठीक वैसे ही जैसे किसी शहर के प्रमुख स्थान से जनता को संबोधित किया जाता है। वह ट्विटर पर आपत्तिजनक कंटेंट के नाम पर सामग्री ब्लाक किए जाने की प्रक्रिया को फ्री स्पीच की राह का रोड़ा मानते हैं। गत मंगलवार को ट्विटर के अधिग्रहण के बाद मस्क का बयान बता देता है कि वह क्यों इस इंटरनेट मीडिया मंच को खरीद रहे हैं।

ट्विटर की नीतियों और प्रक्रिया पर क्या प्रभाव होग

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ट्विटर को पब्लिक कंपनी से प्राइवेट कंपनी बनाते ही मस्क का दखल बढ़ सकता है और वह कंपनी की नीतियों पर निर्णय कर सकते हैं। उनके मुखर व्यक्तित्व व व्यवहार को देखते हुए यह भी माना जा रहा है कि वह ट्विटर द्वारा पूर्व में लिए गए कुछ कड़े निर्णयों को बदल भी सकते हैं। चर्चा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ट्विटर का प्रतिबंध हट सकता है। हालांकि ट्रंप इससे इन्कार कर चुके हैं। फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने मस्क और ट्विटर के सौदे पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है, लेकिन व्हाइट हाउस प्रवक्ता जेन साकी ने दोहराया है कि इंटरनेट मीडिया मंचों को उत्तरदायी बनाना चाहिए। कहा जा सकता है कि फ्री स्पीच के हिमायती मस्क के आने से ट्विटर पर आपत्तिनजक सामग्री, भ्रामक सूचना और आनलाइन शोषण से संबंधित विश्व के कई देशों में बन चुके या बन रहे प्रविधानों पर प्रभाव पड़ेगा।

चुनावी प्रक्रिया पर क्या होगा इस सौदे का असर

वैश्विक स्तर पर एक और चिंता बीते कुछ समय में सामने आई है, इंटरनेट मीडिया मंचों का प्रयोग कर चुनाव का प्रभावित करने का प्रयास। इस पर मस्क का सोच साफ कर देता है कि क्यों पूरे विश्व को उनके ट्विटर अधिग्रहीत करने से चिंतित होना चाहिए। मार्च में मस्क ने ट्वीट कर कहा था कि अपने उपयोगकर्ताओं के ट्वीट प्रतिबंधित करके ट्विटर ने लोकतंत्र को कमतर आंका है। उन्होंने अपने करोड़ों फालोअर्स के बीच एक सर्वे कर पूछा था कि क्या ट्विटर फ्री स्पीच को लोकतंत्र के लिए आवश्यक मानने की नीति पर काम करता है। इसके जवाब में सत्तर प्रतिशत से अधिक लोगों ने ‘नहीं’ कहा था।

सीईओ पराग अग्रवाल पर डोर्सी-मस्क आमने सामने क्यों हैं

ट्विटर के सीईओ इस समय भारतवंशी पराग अग्रवाल हैं। उन्हें ट्विटर के संस्थापक व बोर्ड सदस्य जैक डोर्सी ने नवंबर 2021 में सीईओ बनाने की मंजूरी दी थी। पराग अग्रवाल को लेकर डोर्सी का बयान अहम है जिसमें उन्होंने कहा कि ट्विटर को अधिकतम विश्वसनीय और समावेशी मंच बनाने का एलन का लक्ष्य है और यही पराग का भी सोच है। मैंने इसी कारण पराग को सीईओ चुना था। डोर्सी का बयान पराग को बेहतरीन सीईओ बता रहा है, लेकिन मस्क कह चुके हैं कि ट्विटर के शीर्ष प्रबंधन में सब ठीक नहीं है। यह संकेत है कि बदलाव होगा। खुद पराग ने अधिग्रहण के बाद ट्विटर कर्मियों को संदेश दिया है कि कंपनी में अभी अनिश्चितता का माहौल है।

क्या हैं मस्क की योजनाएं

मस्क ने कहा है कि मैं एल्गोरिद्म में बदलाव करके ट्विटर को पहले से बहुत बेहतर बनाना चाहता हूं। यह एल्गोरिद्म ओपन सोर्स होगा ताकि विश्वास बढ़े, स्पैम बोट कम हों और सभी इंसानों का प्रमाणीकरण किया जा सके।

क्या होता है स्पैम बोट: स्पैम बोट इंसान के बजाय मशीन से इंटरनेट मीडिया अकाउंट को संचालित कराने की प्रक्रिया है। इसके लाभ भी हैं और हानि भी। कई कंपनियां ग्राहकों के साथ त्वरित संवाद के लिए बोट (रोबोट समङों) का प्रयोग करती हैं, लेकिन ट्विटर जैसे मंच पर कई बार इनका प्रयोग स्पैमिंग, मंथन और उपयोगकर्ता की निजता को प्रभावित करने में भी किया जाता है।

भारत के लिए इस सौदे के क्या मायने हैं

इंटरनेट मीडिया कंपनियों के लिए भारत एक विशाल बाजार है और ट्विटर भी इसे बहुत अहमियत देता है। आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 में भारत में ट्विटर के 2.4 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। ट्विटर प्रयोग करने वालों की संख्या के मामले में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है, पहले पर अमेरिका (7.7 करोड़ और दूसरे पर जापान (5.8 करोड़) हैं। भारत ट्विटर के लिए महत्वपूर्ण बाजार है, लेकिन मस्क के आने के बाद कंपनी इस बाजार में कैसे पांव पसारेगी और क्या दिक्कतें आएंगी, यह देखना रोचक होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी ट्विटर के सीईओ भारतवंशी पराग अग्रवाल हैं, वह इस देश और यहां के लोगों को भलीभांति समझते हैं, लेकिन अब सब मस्क के हाथ में होगा तो उनके विचार अलग हो सकते हैं। एक और अहम बिंदु यह है कि भारत में इंटरनेट मीडिया के नियमों को लेकर ट्विटर का सरकार के साथ बीते वर्ष खासा विवाद रहा था और ट्विटर के तत्कालीन भारत प्रमुख मनीष माहेश्वरी की अदालत में पेशी की स्थिति भी बनी थी। मस्क का भारत सरकार के साथ टेस्ला कारों के आयात शुल्क को लेकर पहले से ही टकराव रहा है। चार माह पहले टेस्ला ने कहा था कि भारत में अपनी कारें लांच करने के लिए वह कई बाधाओं का सामना कर रही है।