आज है सूर्यगृहण, सुनहरा कंगन बन लुभायेगा सूरज

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आज है सूर्यगृहण, सुनहरा कंगन बन लुभायेगा सूरज

राजस्थान के लोग रविवार 21 जून को संभवतः अपने जीवन में पहली बार वलयाकार सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। राजस्थान में इसे सबसे अच्छे रूप में घड़साना एवं सूरतगढ़ में देखा जा सकेगा।

जयपुर। राजस्थान के लोग रविवार 21 जून को संभवतः अपने जीवन में पहली बार वलयाकार सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। राजस्थान में इसे सबसे अच्छे रूप में घड़साना एवं सूरतगढ़ में देखा जा सकेगा। यहां सूर्य का मात्र एक प्रतिशत हिस्सा ही नजर आएगा और कंगन जैसी आकृति साफ नजर आएगी।
बी.एम.बिड़ला तारामण्डल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने शुक्रवार को बताया 21 जून को कंकण सूर्यग्रहण का सुनहरा अवसर बना है जो, बीकानेर के घड़साना, सूरतगढ़, हरियाणा में सिरसा व कुरूक्षेत्र, तथा उत्तराखण्ड में देहरादून व जोशीमठ आदि स्थानों से दिखाई देगा। जयपुर में आंशिक सूर्यग्रहण का नज़ारा नज़र आयेगा। जयपुर में ग्रहण सुबह 10:15 बजे शुरू होगा और दोपहर बाद 1:44 पर समाप्त हो जायेगा। इसी बीच11:56 पर अधिकतम 88 प्रतिशत सूर्य ढका हुआ नज़र आयेगा।
भट्टाचार्य ने बताया इस बार करोना-काल की वजह से बी.एम.बिड़ला तारामण्डल परिसर में ग्रहण को दिखाने की व्यवस्था नहीं हो पायेगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भारत से दिखने वाला यह एकमात्र सूर्यग्रहण है। सूर्यग्रहण को कभी भूलकर भी कोरी आंखों से नहीं देखना चाहिए। भट्टाचार्य ने बताया कि ग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मों या 14 नम्बर के वेल्डिंग ग्लास का उपयोग किया जा सकता है। शोकिया खगोलविद् संस्था के सहयोग से इस दौरान कुछ वैज्ञानिक परीक्षण करने की तैयारी है। सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा आ जाता है।
भट्टाचार्य ने बताया कि वलयाकार सूर्य ग्रहण की घटना राजस्थान में अब तक देखी नहीं गई है। पिछली बार जब 1995 में पूर्ण सूर्य ग्रहण की घटना हुई थी तब इस घटना ने पूरे विश्व का ध्यान राजस्थान की ओर खींचा था क्योंकि तब राजस्थान के नीम का थाना में इसे सबसे ज्यादा पूर्णता के साथ देखा गया था। तब दुनियाभर से वैज्ञानिक इसे कवर करने राजस्थान पहुंचे।
रविवार को भी राजस्थान फिर इस नजारे का गवाह बनने जा रहा है जब ग्रहण की छाया राजस्थान में करीब सुबह सवा दस बजे सूरतगढ के घडसाना से प्रवेश करेगी एवं करीब तीन घंटे तक सम्पूर्ण प्रदेश में इसे देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस बार 1995 के पूर्ण ग्रहण की भांति सूर्य के ग्रहण मुक्त होते समय मुद्रिका का निर्माण नहीं होगा लेकिन सूर्य के वलय पर चंद्रमा का पूरा आकार नजर आएगा यानी किनारों पर चमक लिए केन्द्रीय भाग पूरा काला नजर आएगा। उत्तरी राजस्थान में करीब 20 किलोमीटर की पट्टी में सूर्य का 99 प्रतिशत हिस्सा ग्रहण में नजर आएगा। शेष राजस्थान के लोगों को आंशिक सूर्य ग्रहण दिखेगा। उन्होंने बताया कि जयपुर में चंद्रमा सूर्य के 88 प्रतिशत हिस्से को कवर किया हुआ दिखाई देगा जबकि बांसवाड़ा में 77 प्रतिशत, जोधपुर में 89 प्रतिशत एवं गंगानगर में 97 प्रतिशत सूर्य चंद्रमा की ओट में नजर आएगा।
सूर्य के दक्षिणायन वाले दिन होगा ग्रहणः
उन्होंने बताया कि इस बार सूर्य ग्रहण ऐसे दिन होने जा रहा है जब उसकी किरणें कर्क रेखा पर सीधी पडे़गी। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है। कर्क रेखा राजस्थान में उदयपुर से गुजरती है। इस दिन के बाद सूर्य का भूमध्य रेखा की ओर गमन शुरू हो जाता है जिसे सूर्य का दक्षिणायन होना भी कहते हैं।