युवराज सिंह ने बताया- जिस दिन मेरे घर पर पत्थर फेंके गए, मैं क्रिमिनल जैसा महसूस कर रहा था

Featured News

युवराज सिंह ने बताया- जिस दिन मेरे घर पर पत्थर फेंके गए, मैं क्रिमिनल जैसा महसूस कर रहा था

युवराज सिंह टीम इंडिया के वर्ल्डकप हीरो है. बात 2007 टी20 विश्वकप की हो या फिर 2011 विश्वकप की. युवराज ने टीम इंडिया को दो-दो विश्वकप जिताए हैं. लेकिन वो 2014 टी20 विश्वकप को कभी याद नहीं करना चाहते.

एक इंटरव्यू में युवराज ने खुलासा किया था कि 2014 टी20 विश्वकप फाइनल के बाद उन्होंने सोचा था कि अब उनका करियर खत्म हो गया. क्योंकि देश में उनके खिलाफ माहौल ही इस तरह का बन गया था. श्रीलंका के खिलाफ खेले टी20 विश्वकप के फाइनल में युवराज सिंह ने 21 गेंदों में 11 रन बनाए. जिसकी वजह से भारतीय टीम फाइनल में बुरी तरह से हार गई. स्पोर्ट्सस्क्रीन के एक यूट्यूब पेज पर युवराज ने कहा,
”मैं उस पारी की पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूं. मैं अच्छा नहीं खेला. बदकिस्मती से वो विश्वकप था. अगर वो कोई और मैच होता तो शायद इतनी आलोचना नहीं होती. जब मैं वापस घर आया तो मुझे विलेन जैसा ऐहसास हुआ. मुझे याद है जब मैं एयरपोर्ट से निकला तो मीडिया मेरी तरफ बढ़ी. वो मुझपर बुरी तरह से चिल्ला रहे थे. मैंने अपने हेडफोन लगाए थे. जिसकी वजह से मैं वहां से बचकर निकल पाया.”
उन्होंने आगे कहा,
”मेरे घर पर भी पत्थर फेंके गए. मैं एक मुज़रिम की तरह महसूस कर रहा था. जैसे मैंने किसी को शूट कर दिया है और मैं जेल जाने वाला हूं. लेकिन मैंने बड़ी मुश्किल से वापसी की. मुझे आज भी याद है मैं कैसे उस वक्त से निकला.”


‘आज तक’ को दिए अपने ताज़ा इंटरव्यू में युवराज सिंह ने रोहित शर्मा के टेस्ट में ओपनिंग करने पर भी बात की. कहा, उनको अपना खेल दिखाने के लिए कम-से-कम छह मैच तो दिए जाने चाहिए.

उन्होंने उस मुश्किल वक्त को याद करते हुए आगे बताया.
”मुझे याद है सचिन ने जब ट्वीट किया तो लोगों को समझ में आया. मैं घर गया तो मैंने अपने छह छक्के वाले बैट को लिया. मैंने अपनी इंडिया कैप को उसके ऊपर रखा और सोचा अब मेरा करियर खत्म हो गया है.”
लेकिन युवराज सिंह का करियर तब खत्म नहीं हुआ. उसके बाद वो फिर से टीम इंडिया के लिए खेले और साल 2019 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. युवराज ने इंडिया के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 मुकाबले खेले हैं.