कोरोना के डर से डॉक्टर ने किया छूने से इनकार, तड़प-तड़प कर मां-बाप के सामने बच्चे ने तोड़ा दम

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कोरोना के डर से डॉक्टर ने किया छूने से इनकार, तड़प-तड़प कर मां-बाप के सामने बच्चे ने तोड़ा दम

इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर छाया हुआ है। भारत देश में भी कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन जारी है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के लखनऊ से खबर सामने आयी है जिसने सबको हैरान कर दिया। वहां पर एक पांच महीने के बच्चे की जान कोरोना वायरस के खौफ से हो गयी।

उस मासूम को सही समय पर सही तरीके से इलाज नहीं मिल सका जिसकी वजह से उसने दम तोड़ दिया।
आरोप यह लगाया गया है कि बच्चे का इलाज पहले तो डॉक्टर ने कोरोना के डर से मना कर दिया, लेकिन जब हालत और भी बच्चे की बिगड़ती गयी तो जांच की परंतु तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।एक हसंते-हसंते परिवार में मासूम बच्चे की मौत से मातम छा गया।
अचानक हुई दूध पीते समय परेशानी
लखनऊ के जानकीपुरम का यह मामला बताया जा रहा है। बीते मंगलवार को निशांत सिंह सेंगर नाम के शख्श का पांच महीने का बच्चा दूध पी रहा था तभी अचानक उसे दिक्कत शुरू हो गयी। दरअसल सांस लेने में बच्चे को परेशानी होने लगी जिसकी वजह से बच्चा जोर-जोर से रोना शुरू हो गया। बच्चे को जोर- जोर से रोता देख पहले निशांत और उनकी पत्नी ने चुप कराने लगे जब हर संभव कोशिश के बाद भी वह चुप नहीं हुआ तो वह अस्पताल बच्चे को ले गए।
डॉक्टर ने पहले कोरोना के डर की वजह से किया इलाज से इंकार
लॉकडाउन से पहले ही एक प्राइवेट अस्पताल निशांत के घर के पास था जो बंद कर दिया गया था। उसके बाद वह एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में लेकर अपने बच्चे को गए जो कि रिंग रोड पर था। लेकिन वह भी उन्हें बंद मिला जिसके बाद वह निशांतगंज वाले प्राइवेट अस्पताल में पहुंचे। डॉक्टर को जब निशांत ने अपने बेटे को दिखाया तो उन्हें बच्चे को देखते हुए लगा शायद उसे कोरोना वायरस है। आरोप लगाया गया कि डॉक्टर ने बच्चे की ठीक से जांच भी कोरोना के डर से इंकार तक कर दिया था। निशांत को कुछ दवाइयां डॉक्टर ने दे दी की बच्चे को कुछ दिनों तक पिलायें और वह स्वस्थ हो जायेगा।
मासूम ने दम तड़प-तड़प कर तोड़ दिया
डॉक्टर से अपने बच्चे की जांच करने के लिए निशांत ने कहा तो जवाब में उसे धमका कर वहां से डॉक्टर ने भगा दिया। उसके बाद निशांत अपने घर आ गए और दवाई बच्चे को पीला दी। लेकिन बच्चे की हालत उसके बाद ज्यादा बिगड़ गयी और वह रोने लग गया। निशांत और उनकी पत्नी बच्चे के हालत ख़राब होते देखे अस्पताल दोबारा ले गए। डॉक्टर ने उस समय जांच की तो पता लगा कि दूध सांस की नली में फंसा है। डॉक्टर ने जल्दी से नली बच्चे के गले में डाली और दूध बाहर निकाल दिया लेकिन तब तक बहुत देर हो गयी थी और बच्चे की मौत हो गई