सचिन तेंडुलकर की वो पारी जिसे शेन वॉर्न कभी नहीं भूल पाएंगे

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सचिन तेंडुलकर की वो पारी जिसे शेन वॉर्न कभी नहीं भूल पाएंगे

एक बड़े से हॉल में अगर क्रिकेट प्रेमियों को जमा करें और पूछें कि किस टीम के साथ भारत का मुकाबला सबसे करीबी होता है, तो पहले नंबर पर लोग पाकिस्तान का ही नाम लेंगे. लेकिन जैसे ही बात दूसरे नंबर की होगी, ये बाजी ऑस्ट्रेलिया जीत जाएगी. जितने भी क्रिकेट प्रेमी होंगे वो इस बात से आराम से सहमत होंगे कि हां भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ मुकाबला काफी टक्कर और रोमांच वाला होता है.

वैसे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिर्फ वनडे या फिर टी20 मुकाबले ही रोमांचक नहीं होते हैं. इन दोनों टीमों के बीच टेस्ट मैच भी रोमांचक होते हैं. उन तमाम मैचों में से एक मैच ऐसा भी है जिसका आज की तारीख यानी 9 मार्च से गहरा कनेक्शन है. उस दिन को याद करने के लिए आपको थोड़ा सा फ्लैशबैक में लिए चलते हैं. साल था 1998. जगह थी चेन्नई का चिदंबरम स्टेडियम. आज की तारीख में इसी साल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ का टेस्ट मैच खेला जा रहा था. ये वो दौर था जब सचिन और वॉर्न के बीच मुकाबला हमेशा टक्कर का होता था. उस वक्त जहां सचिन सबसे बड़े बल्लेबाज़ हुआ करते थे, तो वॉर्न को भी स्पिन का किंग कहा जाता था. ये टेस्ट मैच इन दोनों के मुकाबले के लिए खूब याद किया जाता है और आज की ही तारीख यानी 9 मार्च को सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यादगार 155 रनों की पारी खेली थी.

6  मार्च 1998 को जब ये मैच शुरू हुआ था तब लोग मैच से ज्यादा सचिन और वॉर्न के बीच मुकाबला देखने के लिए ज्यादा उत्सुक थे. पहली पारी में जब भारत बैटिंग के लिए उतरा तो सचिन सिर्फ 4 रन पर आउट हो गए. सचिन का विकेट शेन वॉर्न ने ही लिया था. गिरते संभले भारत ने पहली पारी में 257 रनों का स्कोर खड़ा किया. शेन वॉर्न ने 4 विकेट लिए.
पहली पारी में शेन वॉर्न ने 4 विकेट लिए थे
अब ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग थी. उन्होंने बढ़िया खेल दिखाया. इयान हैली के 90 रनों की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 328 रनों का स्कोर खड़ा कर लिया. इस स्कोर के बाद ऑस्ट्रेलिया की बढ़त 71 रनों की हो चुकी थी.
दूसरी पारी में भारतीय टीम  बैटिंग के लिए उतरती उससे पहले ही लोगों को लग रहा था कि टीम ज्यादा देर तक नहीं टिकेगी. लोगों को लग रहा था कि भारत के हाथ से ये मैच निकल चुका है. ऐसा सोचना भी जायज़ था क्योंकि तीसरे और चौथे दिन की पिच खराब हो चुकी थी. शेन वॉर्न वैसी पिच पर कमाल कर सकते थे. लेकिन सचिन ने ऐसा नहीं होने दिया. वो कुछ और ही सोचकर मैदान पर उतरे थे. भारतीय टीम ने संभल कर बैटिंग की. सचिन ने शेन वॉर्न को कोई मौका नहीं दिया. और शानदार 155 रनों की शानदार पारी खेली. इसमें सिर्फ  191 गेंद लीं. 14 चौके और 4 मजेदार छक्के लगाए थे.
सचिन ने संभलकर बैटिंग करते हुए 155 रनों की यादगार पारी खेली
भारत ने 418 रन पर अपनी पारी घोषित की. जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 348 रनों का लक्ष्य मिला. मैच के आखिरी दिन ये लगभग नामुमकिन था. कुंबने ने स्पिन का जादू दिखाते हुए 4 विकेट लिए और पूरी टीम 168 रनों पर सिमट गई. भारत ये मैच 179 रनों से जीत लिया. सचिन की इस एक पारी को आज भी याद इसलिए किया जाता है क्योंकि ये मुश्किल वक्त पर बनी थी. इसी के बाद लंबे वक्त तक शेन वॉर्न और सचिन तेंडुलकर के बीच टक्कर दुनिया ने देखी.