लॉकडाउन में लोगों को याद आया रामायण का दौर, सड़कों पर हो जाता था सन्नाटा, अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे दर्शक

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लॉकडाउन में लोगों को याद आया रामायण का दौर, सड़कों पर हो जाता था सन्नाटा, अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे दर्शक

कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को रोकने के लिए भारत में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की। अब लोग अपने घरों में कैद हैं और मनोरंजन के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। खाली समय को कैसे काटा जाए, ये सवाल अब सबके सामने हैं। लेकिन इस बीच अचानक से सोशल मीडिया पर रामानंद सागर की रामायण और बीआर चोपड़ा की महाभारत के दोबारा प्रसारण की मांग उठने लगी है। लोग लगातार ट्वीट कर फिर इन्हें प्रसारित करने की मांग कर रहे हैं।



कहा जाता है कि उस दौर में रामायण के प्रसारण के दौरान अफसर से लेकर नेता तक किसी से मिलना तो क्या किसी का फोन भी उठाना पसंद नहीं करते थे। 78 एपिसोड वाले रामायण का प्रसारण जब होता था तो देश की सड़कों और गलियों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छा जाता था।


भारत के तमाम शहरों और गांवों में रामायण के टेलीकास्ट के समय लोग अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे। चप्पलें कमरे के बाहर उतार दी जाती थीं। आज भी देश की स्थिति कुछ वैसी ही हो गई है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस की गाड़ियों के साइरन की आवाज गूंज रही है। खाली सड़कों को देखकर वही रामायण वाला दौर याद आने लगा है।