कोरोना वायरस से किसे सबसे ज्यादा खतरा? एम्स डायरेक्टर ने दिए 8 सवालों के जवाब

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कोरोना वायरस से किसे सबसे ज्यादा खतरा? एम्स डायरेक्टर ने दिए 8 सवालों के जवाब


कोरोना वायरस से किसे सबसे ज्यादा खतरा? एम्स डायरेक्टर ने दिए 8 सवालों के जवाबकोरोना वायरस की वजह से लोग घबरा रहे हैं. ऐसे में AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस को लेकर कुछ जरूरी बातें बताई हैं और लोगों के कुछ सवालों के जवाब भी दिए हैं.



भारत और कई देशों में कोरोना वायरस से लोग घबराए हुए हुए हैं, हल्की खांसी और छींक आने पर लोग टेंशन में आ जाते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस ने तो नहीं घेर लिया. डर, टेंशन और घबराहट को दूर करने के लिए ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने 'आजतक' से खास बातचीत की. उन्होंने लोगों के मन में कोरोना वायरस को लेकर उठ रहे तरह-तरह के सवालों का जवाब दिया है. आइए जानते हैं.

सवाल: कोरोना वायरस कितना खतरनाक है, इससे कितना डरना चाहिए और क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

जवाब- नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) एक नया वायरस है, जो तेजी से सारी दुनिया में फैल रहा है, इसके लिए अभी कोई दवाई नहीं बनी है. ऐसे में इसका कोई इलाज भी नहीं मिला है. हालांकि भारत इस वायरस को रोकने में सफल हुआ है. इसलिए भारत में यूरोप, चीन, अमेरिका की तुलना में कोरोना पीड़ितों के केस कम हैं. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. अगर आप चीन का डेटा देखें तो 80 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना वायरस इंफेक्शन या हल्का इंफेक्शन होता है. जो आम दवाई लेने से ठीक हो जाते हैं

सवाल- भारत में कोरोना की स्थिति कैसी है?

जवाब- ये समझने की जरूरत है कि ये इतनी खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन जो बुजुर्ग हैं, जिन्हें हार्ट प्रॉब्लम, ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी बीमारी हैं. उन्हें इस दौरान ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.

इसी के साथ हम सभी को सावधानियां बरतनी हैं. यदि कोरोना के केस अधिक बढ़ने लगे तो हेल्थ फैसिलिटी को पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है. ताकि हम इस वायरस से पीड़ित होने वाले लोगों को रोक सके.


कोरोना वायरस से किसे सबसे ज्यादा खतरा? एम्स डायरेक्टर ने दिए 8 सवालों के जवाबकोरोना वायरस की वजह से लोग घबरा रहे हैं. ऐसे में AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस को लेकर कुछ जरूरी बातें बताई हैं और लोगों के कुछ सवालों के जवाब भी दिए

भारत और कई देशों में कोरोना वायरस से लोग घबराए हुए हुए हैं, हल्की खांसी और छींक आने पर लोग टेंशन में आ जाते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस ने तो नहीं घेर लिया. डर, टेंशन और घबराहट को दूर करने के लिए ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने 'आजतक' से खास बातचीत की. उन्होंने लोगों के मन में कोरोना वायरस को लेकर उठ रहे तरह-तरह के सवालों का जवाब दिया है. आइए जानते हैं.

सवाल: कोरोना वायरस कितना खतरनाक है, इससे कितना डरना चाहिए और क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

जवाब- नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) एक नया वायरस है, जो तेजी से सारी दुनिया में फैल रहा है, इसके लिए अभी कोई दवाई नहीं बनी है. ऐसे में इसका कोई इलाज भी नहीं मिला है. हालांकि भारत इस वायरस को रोकने में सफल हुआ है. इसलिए भारत में यूरोप, चीन, अमेरिका की तुलना में कोरोना पीड़ितों के केस कम हैं. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. अगर आप चीन का डेटा देखें तो 80 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना वायरस इंफेक्शन या हल्का इंफेक्शन होता है. जो आम दवाई लेने से ठीक हो जाते हैं

सवाल- भारत में कोरोना की स्थिति कैसी है?

जवाब- ये समझने की जरूरत है कि ये इतनी खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन जो बुजुर्ग हैं, जिन्हें हार्ट प्रॉब्लम, ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी बीमारी हैं. उन्हें इस दौरान ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.

इसी के साथ हम सभी को सावधानियां बरतनी हैं. यदि कोरोना के केस अधिक बढ़ने लगे तो हेल्थ फैसिलिटी को पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है. ताकि हम इस वायरस से पीड़ित होने वाले लोगों को रोक सके.

यहां पढ़ें- कोरोना वायरस से दूर रहने के लिए इन 10 बातों का रखें विशेष ध्यान

सवाल- कोरोना वायरस की वजह से तमाम जगहों पर जाने पर रोक लगा दी गई है, ऐसी स्थिति में क्या करें.

जवाब- अगर कोरोना वायरस को लेकर ग्लोबल डेटा देखें तो घबराना लाजिमी है, क्योंकि यूरोप, इटली, अमेरिका में केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों के मन में डर पैदा होना सामान्य बात है, लेकिन अगर हम भारत की बात करें तो यहां कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं, पर आहिस्ता- आहिस्ता. ऐसे में ज्यादा घबराने की बजाए ज्यादा सतर्क रहें.

साथ ही हम सभी को कुछ यात्राएं स्थगित कर देनी चाहिए. भीड़- भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें. इसी के साथ अगर मार्किट में जाने की जरूरत है जाए और दिनचर्या के काम करते रहें. अपने हाथ धोते रहें. ये सबसे ज्यादा जरूरी है.

खांसी और छींक आ रही है तो रूमाल का इस्तेमाल करें. यदि रूमाल नहीं है तो छींकते समय हाथ की बाजू, मुंह व नाक पर भी रख सकते हैं. वहीं बुखार, जुकाम जैसे लक्षण हैं तो घर पर ही रहें और बाहर न जाएं.

सवाल- जुकाम, खांसी होने का मतलब कोरोना वायरस है?

जवाब- ये समझने की जरूरत है कि मौसम बदल रहा है, ऐसे में बुखार, नजला जुकाम, खांसी, गले में खराश हो सकती है. ये कोरोना वायरस के लक्षण होने के साथ- साथ आम लक्षण भी हैं.

जिसको भी इस तरह के लक्षण हैं, वह घरबराएं नहीं और ये न समझे कि वह कोरोना वायरस के शिकार हो गए हैं. अभी हमारे देश में कोरोना वायरस का कोई आउटब्रेक नहीं हैं, ये आम फ्लू के लक्षण हैं, जिसमें कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है.

सवाल - मास्क लगाना जरूरी है या नहीं?

जवाब- दो टाइप के मास्क होते हैं. पहला सर्जिकल मास्क और दूसरा N95 मास्क. सर्जिकल मास्क सब लोगों को लगाने की जरूरत नहीं है. कोरोना वायरस के डर से सब लोग सोच रहे हैं कि हम जब भी बाहर जाएं मास्क लगा लें. लोग घर के अंदर भी मास्क लगा रहे हैं. लेकिन कोई डेटा ऐसा नहीं जो ये बता सके कि मास्क लगाने से आपकी सुरक्षा होगी और कोरोना से पूरी तरह से बचा जा सकता है.

अगर आपको जुकाम, खांसी है तो मास्क लगा सकते हैं, ताकि छींकते और खांसते समय इंफेक्शन न फैलें. जब आप मार्केट में जा रहे हैं तो इंफेक्शन को आगे फैलने से रोक सकते हैं. लेकिन अगर आपको जुकाम और खांसी नहीं है तो कोई मास्क लगाने की जरूरत नहीं है.