कोरोना: ट्विटर पर क्यों ट्रेंड हुआ #ShameOnBCCI ? 

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कोरोना: ट्विटर पर क्यों ट्रेंड हुआ #ShameOnBCCI ? 

दुनिया के कई देशों के साथ-साथ भारत भी कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण से जूझ रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार देश में अब तक कोरोना संक्रमण के 819 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और संक्रमण की चपेट में आकर 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संक्रमण रोकने के लिए बचाव के तौर पर 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया है.

लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है लेकिन देश में बेघरों, ग़रीबों और मज़दूरों की एक बड़ी संख्या है जिनके लिए घर में बंद रहने का विकल्प नहीं है.
ऐसे में रोज़ी-रोटी की तलाश में महानगरों में आए कामगरों को वापस अपने घर लौटना पड़ रहा है जो हर लिहाज़ से ख़तरनाक है.
कुल मिलाकर देखें तो स्थिति बेहद संवेदनशील है और ख़तरनाक भी. इस स्थिति में केंद्र सरकार ने सबसे अपील की है कि वो कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में देश की हरसंभव मदद करें.
कुछ कारोबारियों और बॉलीवुड सितारों की ओर से आर्थिक सहायता की ख़बरें भी आईं. लेकिन इन सबके बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को लोगों के ग़ुस्से और आलोचना का शिकार होना पड़ा.
सोशल मीडिया पर लोग इस बात को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे थे कि दुनिया में सबसे धनी क्रिकेट संस्था मानी जाने वाली बीसीसीआई की ओर से किसी तरह की मदद की पहल क्यों नहीं की गई.
इस बारे में फ़ेसबुक, ट्विटर और सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स पर ख़ूब चर्चा हुई और ट्विटर पर #ShameOnBCCI काफ़ी देर तक ट्रेंड करता रहा.
विपिन त्रिपाठी नाम के ट्विटर यूज़र ने कई क्रिकेटरों को टैग करते हुए लिखा, "वो सभी क्रिकेटर आज कहां हैं जो करोड़ो रुपये कमाते हैं? अब तो ग़रीब लोग भी अपनी क्षमता के हिसाब से दान कर रहे हैं लेकिन तथाकथित अमीर लोग अपने घरों में बैठकर मज़े कर रहे हैं. कुछ तो शर्म कीजिए और आगे आइए."
लांकि इसके बाद बीसीसीआई के सचिव और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह ने ट्विटर पर ऐलान किया कि बीसीसीआई कोरोना से निबटने में मदद के लिए 51 करोड़ की आर्थिक सहायता देगा. लेकिन तब तक शायद काफ़ी देर हो चुकी थी.
लोगों ने इस बात पर भी नाराज़गी जताई कि बीसीसीआई को यह फ़ैसला लेने में इतनी देर क्यों हुई.
कुछ लोग 51 करोड़ रुपये की रकम को कम बता रहे हैं और कह रहे हैं कि बीसीसीआई की सामर्थ्य इससे कही ज़्यादा की है.