एमसीजी में डेविड वार्नर की लाजवाब डबल सेंचुरी ने 1986 में डीन जोंस की मशहूर मद्रास इनिंग की याद दिला दी। वार्नर जब बॉक्सिंग-डे टेस्ट के दूसरे दिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ सुबह 10:30 पर बैटिंग करने उतरे तो तापमान 30 डिग्री के पार हो चुका था। 36 साल के इस खब्बू ओपनर ने लगभग तीन साल से कोई शतक नहीं लगाया था, लेकिन लंच के बाद वह इस मुकाम को पार कर चुके थे। मगर अभी आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ना बाकी था।
गर्मी का जिक्र आते ही हम हमेशा पेसर्स के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन ये हालात बल्लेबाजों के लिए भी उतना ही मुश्किल होता है। स्टीव स्मिथ के साथ डेविड वार्नर की 239 रन की साझेदारी के दौरान पारा 37 डिग्री पार था। मैराथन पारी खेल रहे वार्नर का शरीर जवाब दे रहा था। चेहरे पर क्रैम्प का दर्द छिपाए नहीं छिप रहा था। आखिरी सेशन में तो वह बड़ी मुश्किल से खड़े हो पा रहे थे। स्कोर जब 192 रन था, तो हालात बद से बदतर हो गए। टीममेट्स को मैदान पर चेयर लेकर आना पड़ा। सिर पर गीला टॉवेल लपेटे डेविड फिजियो से लेग मसाज करवाया और डबल सेंचुरी पूरी की
David Warner going back due to an injury and fans at MCG are appreciating his incredible knock like a warrior for his country ❤#AUSvsSA #AUSvSA pic.twitter.com/BNYcIJfcZG
— CricketFans (@_fans_cricket) December 27, 2022
मद्रास में भी डीन जोंस ऐसी ही परेशानी में थे। पेचिस और भयंकर गर्मी से जूझते हुए ऐतिहासिक 210 रन बनाए थे, जो भारत में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर हुआ। इस इनिंग के बाद विक्टोरियन प्लेयर को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। 200 रन बनाकर रिटायर्ड-हर्ट हुए वार्नर ने आज निश्चित ही ड्रेसिंग रूम में लौटकर आइस बाथ लिया होगा।
अपने 100वें टेस्ट में डबल सेंचुरी बनाना किसी भी बैट्समैन के लिए सपने से कम नहीं था। वार्नर 8000 रन बनाने वाले आठवें ऑस्ट्रेलियाई और ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 5000 रन बनाने वाले पांचवें बल्लेबाज बने। वार्नर अपने 100वें टेस्ट में शतक बनाने वाले सिर्फ दूसरे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज और कुल मिलाकर 10वें और 2003 में रिकी पोंटिंग के बाद एमसीजी में दोहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने।