यूपी सरकार का बड़ा फैसला- पैदल, बाइक और ट्रक से आने वाले प्रवासी मजदूरों को नहीं मिलेगी राज्य में एंट्री

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यूपी सरकार का बड़ा फैसला- पैदल, बाइक और ट्रक से आने वाले प्रवासी मजदूरों को नहीं मिलेगी राज्य में एंट्री

लखनऊ: प्रवासी मजदूरों को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब पैदल, बाइक या ट्रक-टैंपो से आने वाले प्रवासी मजदूरों को राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इसको लेकर प्रशासन को आदेश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि अगर कोई शख्स पैदल किसी प्रकार से जिले में आ जाता हैं तो उसे वहीं रोक कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्गत निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए. किसी भी प्रवासी मजदूर को सड़क या रेलवे लाइन पर न चलने दिया जाए.

इस प्रकार से जिले में आ जाता हैं तो उसे वहीं रोक कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्गत निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए. किसी भी प्रवासी मजदूर को सड़क या रेलवे लाइन पर न चलने दिया जाए.

इसके अलावा ये निर्देश दिया गया है कि प्रवासियों को अन्य जनपद या क्वॉरन्टीन सेन्टर और शेल्टर होम्स भेजे जाने हेतु पर्याप्त संख्या में प्राइवेट बसों और स्कूल बसों की व्यवस्था हो. नोडल अधिकारी समय-समय पर समस्त व्यवस्थाओं का विशेष रूप से मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें.

प्रियंका गांधी ने 1000 बस चलाने की अनुमति मांगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्टी लिखी है और मजदूरों के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति मांगी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रनिर्माता मजदूरों को इस तरह नहीं छोड़ा जा सकता. कांग्रेस पार्टी इनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रियंका गांधी ने अपनी चिट्ठी में कहा, ‘’लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं. लगातार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घऱ पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है. प्रदेश में अब तक करीब 65 मजदूरों की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है जोकि सूबे में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या से भी अधिक है.’’
पत्र में प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, ‘’पालयन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है. इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वहन करेगी. महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों की चलाने की अनुमति चाहते हैं.’’