भरतपुर (राजस्थान)। डॉक्टरों को आपने पर्ची में दवा लिखते तो बहुतबार देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी किसी डॉक्टर को मरीज़ की पर्चीमें हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए लिखते हुए देखा है?
भरतपुर शहर में ऐसा सच–मुच हो रहा है। दिनेश शर्मा नाम के एकडॉक्टर पिछले 20 साल से क्लिनिक चला रहे हैं और वह अक्सर अपनेमरीज़ों को सुबह शाम हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए पर्ची मेंलिखते रहते हैं।
क्यों करते हैं ऐसा?
भरतपुर के रंजीतनगर में डॉक्टर दिनेश शर्मा के क्लिनिक में जब भी कोईमरीज़ आता है तो पहले वो उनसे यह सवाल करते हैं की क्या वो भगवानको मानते हैं या नहीं।
अगर मरीज़ भगवान को मानता है तो डॉक्टर उसे सुबह–शाम हनुमानचालीसा का पाठ करने के लिए बोलते हैं और यदि वो भगवान को नहींमानते हैं तो डॉक्टर साहब उन्हें कम से कम मंदिर जाने की सलाह तो देतेही हैं।
दिनेश शर्मा जी के अनुसार किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए दवाऔर दुवाओं दोनो की जरुरत होती है। एक ओर जहाँ दवा मरीज़ कोशारीरिक रूप से राहत देती है वहीं पूजा–पाठ करने से मरीज़ कोमानसिक शांति मिलती है।
इस वजह से वह अपने मरीज़ों को दवा लेने के साथ साथ रोज़ हनुमानचालीसा का पाठ करने के लिए भी कहते हैं।