Coronavirus in India: लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर जाने की शर्तों के साथ छूट, यहां दूर करें हर कन्फ्यूजन

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Coronavirus in India: लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर जाने की शर्तों के साथ छूट, यहां दूर करें हर कन्फ्यूजन

हाइलाइट्स:

  • केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के मूवमेंट को शर्तों के साथ दी इजाजत
  • प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और दूसरे फंसे लोगों के मूवमेंट को दी गई इजाजत
  • जिस राज्य में ये लोग फंसे हैं वहां नोडल अथॉरिटी में उनका रजिस्ट्रेशन होगा, भेजे जाने से पहले स्क्रीनिंग
  • ऐसे लोगों को संबंधित राज्य सरकार बसों से ले जाएगी, निजी वाहनों से ले जाने की नहीं होगी इजाजत
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नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान फंसे लोगों को शर्तों के साथ घर जाने की इजाजत दे दी है। इसकी व्यवस्था संबंधित राज्य करेंगे। इस तरह के कई सवाल हैं कि किन लोगों को जाने की इजाजत है और किनको नहीं, वे कैसे जाएंगे, क्या निजी साधनों से जाया जा सकता है, इस मूवमेंट की प्रकिया क्या होगी। आइए आपको आसान भाषा में बताते हैं ऐसे सभी सवालों के जवाब ताकि कोई कन्फ्यूजन न रहे।
क्या खुद जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं?

मान लीजिए कोई शख्स लॉकडाउन में किसी दूसरे राज्य में फंसा है तो क्या वह खुद से जा सकता है? इसका जवाब है नहीं। आप खुद से नहीं जा सकते क्योंकि यह इजाजत व्यक्तियों को नहीं बल्कि राज्यों को है। फंसे हुए लोगों को भेजने या लाने की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों की है और इसके लिए उन्हें कुछ प्रोटोकॉल्स के पालन करने हैं।


किनको है इजाजत?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन में फंसे लोगों के मूवमेंट के लिए 15 अप्रैल को जारी अपनी गाइडलाइंस के क्लॉज 17 के सब क्लॉज 4 में बदलाव किया है। इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, टूरिस्ट, स्टूडेंट् और दूसरे लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं। उनके मूवमेंट को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी गई 

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प्रक्रिया क्या होगी?
लोग जिन राज्यों में फंसे हुए हैं और वे मूल रूप से जिन राज्यों के हैं, उन दोनों ही राज्यों को इनके मूवमेंट के लिए एक दूसरे से चर्चा करनी होगी। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसके लिए नोडल अथॉरिटी बनाने को कहा है जो ऐसे फंसे हुए लोगों को भेजने या रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल बनाएंगे और उनका पालन सुनिश्चित करेंगे। लोगों को बसों के जरिए ही लाया/भेजा जाएगा। इन बसों को यात्रा से पहले सैनिटाइज किया जाएगा और लोगों को बैठाते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा।