पॉर्न को 'ब्लू फिल्म' और वेश्याओं के अड्डों को 'रेड लाइट' एरिया क्यों कहते हैं?

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पॉर्न को 'ब्लू फिल्म' और वेश्याओं के अड्डों को 'रेड लाइट' एरिया क्यों कहते हैं?

पॉर्न या ब्लू फिल्म एक ऐसा नाम जिससे आज के टाइम में कोई भी अनजान नहीं. पॉर्न शब्द सुनते ही इसका चाव रखने वाले लोग एक्साइमेंट से भर जाते हैं. इंडिया में पॉर्न अवैध रूप से बनाया जाता है. फिर भी अपना देश पॉर्न देखने के मामले में तीसरे नंबर पर है. ओलंपिक मेडल और जीडीपी के लिए भले ही हमारी रैकिंग अच्छी न हो लेकिन पॉर्न देखने में हम दूसरे देशों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. तो आज ज्ञान की बात जानो कि पॉर्न को ब्लू फिल्म और कोठे को रेड लाइट एरिया क्यों कहते हैं.

ब्लू फिल्म

खूब गूगल करते हो. हर रोज वीडियो डाउनलोड करते हो या देखते हो किसी कैटेगरी में नई फिल्म आई है क्या? सब पता होता है. लेकिन कभी मन में ये नहीं चला कि पॉर्न को ब्लू फिल्म क्यों कहते हैं.
Quora के मुताबिक ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ फिल्में जिस रील पर बनती थीं, बॉलीवुड और हॉलीवुड प्रोडक्शन हाउस में इन रीलों का बड़े पैमाने पर स्टॉक होता था. ज्यादा समय रखने के कारण रील का रंग नीला हो जाता था. जिसका इस्तेमाल फिल्म इंड्रस्टी वाले नहीं करते थे. ब्लू फिल्म मेकर बहुत ही सस्ते दाम में रील को खरीद कर इस पर फिल्म बनाते थे. जिसके कारण पूरी फिल्म के दौरान ब्लू कलर ‘टिंट’ दिखता था. फिर क्या पॉर्न फिल्मों का नाम ब्लू फिल्म हो गया. अब पॉर्न फिल्में ऐसे नहीं बनती लेकिन लोग अब भी इसे ब्लू फिल्म ही कहते हैं.
एक जानकारी ये भी है कि फ्रेंच रेवोल्यूशन के टाइम कुछ वेश्याएं और पॉर्नोग्राफर पैलेस रॉयल (जगह का नाम) में शूटिंग कर रहे थे. उस पैलेस में जो कांट्रैक्ट के पेपर रखे थे, उसका कलर ब्लू था. इसी ब्लू पेपर पर फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी गई थी. जिसके कारण फिल्म को ब्लू फिल्म कहा जाने लगा.

अब रेड लाइट के बारे में भी जान लो

लाल को हमेशा से प्यार और कामुकता का रंग कहा जाता है. जिसके कारण हर फिल्म, सीरियल या घरों में फर्स्ट नाइट या लव मेंकिंग के लिए लाल फूल, लाल रंग का यूज होता है. फिल्ममेकर भी लव मेंकिंग सीन्स में माहौल बनाने के लिए लाल बल्ब का प्रयोग करते है.

लाल रंग यौन संक्रमित बीमारियों को भी छिपाता है

कोरा के एक यूजर के मुताबिक़ रेड लाइट एरिया में ज्यादातर सेक्स वर्कर्स को यौन संक्रमण वाले रोग होते हैं. जिसमें शरीर पर लाल धब्बे, निशान और प्राइवेट पार्ट फूल जाते है. साफ रोशनी में कस्टमर अगर बीमारी देख ले तो आना बंद कर देंगे. और रेड बल्ब यूज करने से काफी हद तक बीमारियां कवर हो जाती हैं. तो इन दोनों कारणों की वजह से कोठे का नाम रेड लाइट एरिया हुआ.