प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार की सुबह 10 बजे देश को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि वह कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन को लेकर नया ऐलान करेंगे. मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में संकेत दिए हैं कि लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया जाएगा. इस पर लगभग सभी राज्यों ने सहमति भी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शनिवार को हुई मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक के बाद सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई. बैठक में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अब आमजन का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के साथ देश की समृद्धि पर ध्यान केंद्रित करें. मोदी ने इस बैठक में मुख्यमंत्रियों से कहा कि ध्यान अब 'जान भी, जहान भी' पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के 'उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि एवं स्वस्थ भारत' के लिए यह जरूरी है. सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए और बढ़ाने का आग्रह किया. प्रवक्ता ने कहा कि सरकार इस आग्रह पर विचार कर रही है.
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खत्म करने की योजना के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन दो सप्ताह और बढ़ाने पर राज्यों के बीच आम सहमति बनती दिख रही है. मोदी ने कहा, 'लॉकडाउन की घोषणा करते हुए मैंने कहा था, 'जान है तो जहान है. देश के अधिकतर लोगों ने इसे समझा और घरों के भीतर रहने की जिम्मेदारी का पालन किया. अब एक और आयाम 'जान भी, जहान भी' पर भी ध्यान देने की जरूरत है, जो भारत के 'उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि एवं स्वस्थ भारत' के लिए जरूरी है.'
प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया. कोविड-19 संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि 14 अप्रैल तक है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बैठक में बताया कि उनकी सरकार ने एक मई तक कर्फ्यू लगाए रखने या पूरी तरह बंद लागू करने का पहले ही निर्णय ले लिया है। सभी शिक्षण संस्थान 30 जून तक बंद रहेंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि देशभर में लागू लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए. सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्रियों ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए केंद्र से वित्तीय और राजकोषीय सहायता भी मांगी. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में निश्चित रूप से मदद मिली है, लेकिन चूंकि स्थिति तेजी से परिवर्तित हो रही है, इसलिए निरंतर सतर्कता सर्वोपरि है.
मोदी ने इस बात पर विशेष बल दिया कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों के प्रभाव का पता लगाने के लिए अगले 3-4 सप्ताह अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इस चुनौती का सामना करने के लिए टीम के रूप में काम करना अत्यंत आवश्यक है.